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हमारी ज़िन्दगी ग़म के सिवा कुछ और नहीं / गुलाब खंडेलवाल
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23:06, 3 जुलाई 2011
हमारी ज़िन्दगी ग़म के सिवा कुछ और नहीं
किसी के
जुल्मो
ज़ुल्मो
-सितम के सिवा कुछ और नहीं
समझ लें प्यार भी हम उस नज़र की शोख़ी को
Vibhajhalani
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