Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} {{KKPageNavigation |पीछे=एक-रूप आनंद-मय, श्री राधा-ब्…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
{{KKPageNavigation
|पीछे=एक-रूप आनंद-मय, श्री राधा-ब्रजचंद / शृंगार-लतिका / द्विज
|आगे=कबहुँक राधा के ललित / शृंगार-लतिका / द्विज
|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 4
}}
<poem>
'''दोहा'''
''(श्रीराधा-माधव की एकरूपता का वर्णन)''

कबहुँक आपुस मैं रचैं, बहु-बिधि लौकिक-प्रीति ।
एक-एक सन कहति हैं, सखि ! लखि यह रस-रीति ॥३८॥
</poem>
916
edits