Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} {{KKPageNavigation |पीछे=चिंता और उछाह मैं / शृंगार-ल…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
{{KKPageNavigation
|पीछे=चिंता और उछाह मैं / शृंगार-लतिका / द्विज
|आगे=जैसी कछु कीन्ही द्विज-देव की बिनै के बस / शृंगार-लतिका / द्विज
|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 5
}}
<poem>
'''दोहा'''
''(कवि प्रसन्नता-वर्णन)''

अति प्रसन्न गदगद गिरा, मुख सौं कढ़त न बात ।
बार-बार बिनती करी, जोरि सुकर-जलजात ॥५३॥
</poem>
916
edits