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रहे न चाँद, यही चाँदनी रहे न रहे / गुलाब खंडेलवाल
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18:39, 8 जुलाई 2011
जो आ सको तो अभी आके एक नज़र देखो
नहीं तो कल कहीं बीमार
भी
ही
रहे न रहे
किसीकी याद कसकती रहेगी दिल में सदा
Vibhajhalani
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