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हमने तो खेल-खेल में ख़ुद को लुटा दिया
अच्छा नहीं था खेलना ऐसे किसी के किसीके साथ
लायेगी रंग एक दिन चुप्पी गुलाब की
कुछ कह गए हैं वह भी बड़ी सादगी के साथ
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