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अब कोई प्यार की पहल तो करे / गुलाब खंडेलवाल
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20:25, 9 जुलाई 2011
पंखड़ी है गुलाब की बेरंग
छू के होंठों
छूके होँठों
से वह ग़ज़ल तो करे
<poem>
Vibhajhalani
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