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अब कोई प्यार की पहल तो करे / गुलाब खंडेलवाल
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अब कोई प्यार की पहल तो करे
ज़िन्दगी का सवाल हल तो करे
कोई सूरत हो या हो वीरानी
दिल किसी बात पर अमल तो करे
राह आगे की मिल ही जायेगी
उम्र भर की कोई टहल तो करे
शोख़ियाँ, पर वे आइने में कहाँ!
उनकी हरदम करे नक़ल, तो करे
पंखड़ी है गुलाब की बेरंग
छूके होँठों से वह ग़ज़ल तो करे