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प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं / गुलाब खंडेलवाल
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20:43, 9 जुलाई 2011
अब ये छोटा-सा सफ़र ख़त्म हुआ ही समझें
बुलबुले
उठ के
उठके
किनारों से बात करते हैं
दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं
Vibhajhalani
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