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अति भीषण दुर्भिक्ष देख कर काँप रहा था खेड़ा
आवर्तों में ऊभ-चुभ चूभ ज्यों काँप रहा हो बेड़ा
उस क्षण जिसकी वज्र-मुट्ठियों ने पतवार सँभाली
वह पटेल ही था अभिनव चाणक्य-सदृश बलशाली
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