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खोल दो यह बंद मुट्ठी, / गुलाब खंडेलवाल
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21:13, 16 जुलाई 2011
खोल दो यह बंद मुट्ठी,
फूल को
ताजी
ताज़ी
हवा पाने दो,
सुगंध बनकर इसे दिशाओं में उड़ जाने दो,
माना कि इसे बंद रखने से
Vibhajhalani
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