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अम्बर तक जय-घोष छा रहा पावन पूजन-वेला है / गुलाब खंडेलवाल
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20:57, 19 जुलाई 2011
आये कितने वीर, धरा का कर पल भर श्रृंगार चले
कितने ऐसे चले अमृतमय, ओरों को भी तार चले
धन्य जिन्होनें भव-विमुक्ति-हित कष्ट मरण का झेला है
. . .
गाँव-गाँव में गाता कोई गाँधी का सन्देश चला
Vibhajhalani
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