गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नहीं एक दिल की लगी छूटती है / गुलाब खंडेलवाल
1 byte removed
,
20:09, 11 अगस्त 2011
भले ही भरी ज़िन्दगी छूटती है
वे
घबरा के
घबराके
यों मेरी बाँहों में आये
पहाड़ों से जैसे नदी छूटती है
Vibhajhalani
2,913
edits