नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=घनश्याम कुमार 'देवांश' |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> तुम्…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=घनश्याम कुमार 'देवांश'
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तुम्हारी आँखों के जुगनू
एक दिन
मैंने अपनी पलकों में
कैद कर लिए
उस दिन से रात कभी हुई ही नहीं..</poem>