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जुगनू / घनश्याम कुमार 'देवांश'
Kavita Kosh से
तुम्हारी आँखों के जुगनू
एक दिन
मैंने अपनी पलकों में
कैद कर लिए
उस दिन से रात कभी हुई ही नहीं..