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सावण आयो सायनी खेता नाचै मोर ।
म्हारै नैणा रात दिन गळ गळ जावै मोर ॥
 *चिथ्योडी- दबी कुचली * रळ – मिलना *धुक सक्यो -मनाया जा सका*मैफलाँ – महफिल,पार्टी *आपजी – पिताजी *सीर- हिस्सा *आळपताळ जिसका कोई ओर छोर नही हो (अनंत) *पाती – पत्र*मरवण – राजस्थान की एतिहासिक नायिका ( प्रेमिका)*काळी कोसा – बहुत ज्यदा दूर *पूग – पहूंच *सायनी – समान उम्र ( नायिका)</poem>
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