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काक बखान / गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल'
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16:39, 19 सितम्बर 2011
चिरजीवी की काकचेष्टा, जग ने करी बखान।
पिक बैरी कर आहत सीता,
खींचै
खोयो
सब सम्मान।।3।।
पिक के घर में सेव कै, कागा पिक ना होय।
Gopal krishna bhatt 'Aakul'
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