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काक बखान / गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल'
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16:40, 19 सितम्बर 2011
सद्गति बिन उत्तर करम, जीवन का बिन नाक।।6।।
कागा महिमा जान
लो
ल्यो,
पण्डित काक भुशण्ड।इंद्र पुत्र जयंत कूँ
,
एक आँख कौ दण्ड।।7।।
आमिष भोजी कागला, कोई प्रीत बढ़ाय।
Gopal krishna bhatt 'Aakul'
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