837 bytes added,
12:34, 23 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>आभै पूग्या म्हे
कद-किंयां ना पूछो
आंकड़ा देखो
०००
हरख करै
हाड बायरी जीभ
भूख कायम
०००
सौगनां खाय
खाली हियै बावड़ै
राजघाट सूं
०००
आंधी में उड्यो
मन बिचाळै चिण्यो
छोटो-तो घर
०००
कांईं कैवोला
बिना सुण्या ई जाणा
आ खास बाणी
०००
</poem>