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12:37, 23 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>रात अंधारी
चाल चेपां पोस्टर
भोर हुवैली
०००
आंधी, मंडाण
दिसावां काळी, जिद-
जगासूं दीवो
०००
किरणां बोयी
अंधारै री निराई
ऊग्यो उजास
०००
अबै पड़सी
हवेलियां री भींतां
माटी जागगी
०००
अंधारो बैरी
सूरज आज कैद
जोत जगाओ
०००
</poem>