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22:13, 1 जनवरी 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनु भारद्वाज
|संग्रह=
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{{KKCatGhazal}}
<Poem>
कभी तुझसे थी मेरी दोस्ती, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरे साथ थी मेरी हर ख़ुशी, मुझे याद है , मुझे याद है
मुझे याद है मेरे हमसफ़र, तेरा मान जाना न मानकर
तेरा रूठना वो कभी कभी, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरे गेसुओं की वो खुशबुएँ, मुझे जिनसे मिलती थी राहतें
बड़ी खुशगवार थी ज़िन्दगी, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरी हसरतें, तेरी कुर्बतें, वो क़दम क़दम पे नवाज़िशें
न जुदा हुए थे जो हम कभी, मुझे याद है , मुझे याद है
मेरा प्यार मेरा करार तू, मेरी ज़िन्दगी तू है 'मनु'
यही बात तूने कभी कही, मुझे याद है , मुझे याद है</poem>