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रंगों के बोल / सोम ठाकुर
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06:44, 24 फ़रवरी 2012
सरगम के ज्वारों का छोर कहाँ
भैरवी दिवानी का भोर कहाँ
प्यार झूम -गये
गन्धर्वो
गन्धर्वों
- सा
देह घूम - नाचे ज्यों अप्सरा
कौन लगन , लाल गाल लाज लजे
सोनल झंकार बिना तार बजे
प्राणों की बंदिश में एक टेक
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