वैसे तो हम
सत्य अहिंसा के अनुयायी है हैं
पर नागों के दाँत
तोड़ना हमको आता है
दिया न दुश्मन को
तिल भर माटी
सदाचार से
अपना बड़ा पुराना नाता है
वक्त पड़ा तो हँस-हँस खायी
सीने पर गोली
मरते दम तक
मुंह से निकली
जय भारत की बोली
दया धर्म के गीत
यहाँ का जन जन गाता है
दुनिया का
परहित माना है
शांति दूत भारत को
जग में जाना जाता है
</poem>