Changes

<poem>
अबकी बार कहाँ ले जाएँ ,यर ये व्यापार कहाँ ले जाएँ,ढाई आखर लुटे यहाँ भी ,बन्दनवार कहाँ ले जाएं .
साथ किनारों ने छोड़ा है,तूफानों ने,भ्रम तोड़ा है.