Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=हम तो गाकर...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=हम तो गाकर मुक्त हुए / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[Category:गीत]]
<poem>

चिंता किस-किस की करिये !
मन तो एक लाख चिंतायें, किस-किसका मुँह भरिये

तन की, धन की या जीवन की चिंता से न उबरिये
या जीवन के बाद मिलेगा जो उसके हित मरिये

शासन-भीति, सुयश-चिंता में फूँक-फूँक पग धरिये
और न कुछ तो सदा अदेखे मरण पाश से डरिये

उतनी खाली होती जाती जितनी गागर भरिये
इस चिंताकुल भाग-दौड़ में कैसे कहाँ ठहरिये !

नहीं बनेगा कुछ, कितना भी बनिये और सँवरिये
सब चिंतायें सौंप उसी को पल में पार उतरिये

चिंता किस-किस की करिये !
मन तो एक लाख चिंतायें, किस-किसका मुँह भरिये
<poem>
2,913
edits