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काला डूंगर / गोरधनसिंह शेखावत
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11:11, 3 नवम्बर 2012
न ही नदी-नाले
इसकी जड़ों में
खड़े हैं बहुत
लिग
लोग
हारे-थके
धर मजलां धर कूचां चलते हुए
Kailash Pareek
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