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क्यूँ है ख़ामोश समंदर तुम्हें मा’लूम है क्या / गोविन्द गुलशन
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18:43, 31 मार्च 2013
कितने तूफ़ान हैं भीतर तुम्हें मालूम है क्या
उससे
मिलनाकी
मिलने की
तमन्ना है अगर मिल जाए
कौन लिखता है मुक़द्दर तुम्हें मालूम है क्या
Govind gulshan
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