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मुझे दिया गया शरीर / ओसिप मंदेलश्ताम
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05:58, 15 अक्टूबर 2007
मैं ख़ुद ही माली हूँ और
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मैं ही तो हूँ बग़ीचा,
दुनिया के इस अंधेरे में, सिर्फ़ मैं ही नहीं हूँ रीता ।
अनिल जनविजय
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