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सवाल / जया झा

17 bytes added, 06:24, 17 अगस्त 2013
|रचनाकार= जया झा
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सवाल कईयों ने पूछे हैं,
 
मैं पहली नहीं हूँ।
 
सवाल सभी पूछते हैं,
 
मैं अकेली नहीं हूँ।
 
पर बहुत से लोग
 
सवाल पूछ-पूछ कर थक गए।
 
जवाब मिलने की तो छोड़ो
 
कोई अलग रास्ता तक न सूझा।
 
उसी लीक पर चलते गए।
 
और मैं?
 
क्या कम-से-कम
 
अलग रास्ता अपना पाऊंगी?
 
या यों ही अपने सारे सवाल लिए
 
एक दिन ख़ुद भी चली जाऊंगी।
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