{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
}}
<poem>
'''१.'''
बोली-बोलऽ, चोली खोलऽ,
चोली के भीतर, लाल कबूतर,
खाए के मांगे, सबुज दाना,
धर-धर लेइयें पर, पांजर मोटा,
खइबऽ सोटा, धर धरेसी,
ध के पेसी, पेसन वाला,
है मतवाला, ढिलवा भैया,
करे ढिलाई, ओकर मउगी, करे सगाई।
'''१.'''<br>बोली-बोलऽ, चोली खोलऽ, चोली के भीतर, लाल कबूतर, खाए के मांगे, सबुज दाना, धर-धर लेइयें पर, पांजर मोटा, खइबऽ सोटा, धर धरेसी, ध के पेसी, पेसन वाला, है मतवाला, ढिलवा भैया, करे ढिलाई, ओकर मउगी, करे सगाई।<br><br> '''२.'''<br>हाथ भरो जी - हैसा, जोर करो जी - हैसा, जोर जुगुती - हैसा, हो छुट्टी - हैसा, छुट्टी होना - हैसा, मौज उड़ाना - हैसा, मौजेदारी - हैसा, साव मदारी - हैसा, घाम-घमैला- हैसा।<br><br/poem>