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|रचनाकार=सत्यप्रकाश जोशी
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<Poempoem>
(बेटो रण में जावण सारू घोड़ै माथै सवार होय‘र चालै कै वींरी मा वींनैं रोकण सारू आडी फिरै)
भावी रा भरतारां लश्कर थामसी ए ओ राज।।
(चाल्यौ जावै)
</Poempoem>