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पुलिस / रूपसिंह राजपुरी
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<poem>पुलिस अलबादी छोरो ।
जके गे हाथ में डंडियों पाँच पोरो ।
कानी- कानी जेबां, महं माल नावड़े बोरो ।
Sharda suman
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