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{{KKRachna
|रचनाकार=शिवराज भारतीय
|संग्रह=रंग-रंगीलो म्हारो देस / शिवराज भारतीय
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}
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<poem>
घूं घूं करतो उड‘र आवै
टाबरियां में जोस जगावै
छोटा-मोटा देखण आवै
सगळा इण पर चढवो चा‘वै।
</Poempoem>