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हेलीकॉप्टर / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
घूं घूं करतो उड‘र आवै
टाबरियां में जोस जगावै
भेळा हो‘र अचंभो करता
देख-देख इण‘नै हरखावै।
अकासां में उडतो जावै
बादळियां सूं ओ बतळावै
आभै खेलणियों सो लागै
उतरयां ओ मोटो बण जावै।
इण रै माथै पंखो चाल
फर-फर करै घूमरी घाले
छोटा-मोटा देखण आवै
सगळा इण पर चढवो चा‘वै।