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नगर / सुभाष काक
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|रचनाकार=सुभाष काक
|संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक
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नगर एक कारागार है।
जो धरती पर राज करे
फूल भी अतिथि से
मिलने को आतुर हैं।
</poem>
Lalit Kumar
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