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शकुन्तला / प्राक्कथन / भाग 1 / दामोदर लालदास
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उबडवाय गेल नयन लाल, जल रुकि-रुकि बहले।।
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प्रस्तुत शकुन्तलाक विषयमे
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किछु दिवसक उपरान्त महाकवि कालीदासक।
Sharda suman
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