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सो जा बारे वीर,<brpoem>: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर <br>छोटी-छोटी गैयाँछोटे-छोटे ग्वालछोटे से मोरे मदन गोपाल
ताती-ताती पुड़ी बनाई <br>कहाँ गईं गैयाँ, कहाँ गए ग्वाल: ओई में डारो घी<br>पी ले कहाँ गए मोरे बारे भइया<br>: मोरो जुड़ाय जाए जी<br>सो जा बारे वीर<br>: बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर<br>मदन गोपाल।
एक कटोरा दूध जमाओ<br>हारे गईं गैयाँ, पहाड़ गए ग्वाल: और बनाई खीर<br>ले ले खेलन गए मोरे बारे भइया<br>: मोरो जुड़ाय जाए जी<br>सो जा बारे बीर<br>: बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर<br>मदन गोपाल
बरा पे डारो पालना<br>का खाएँ गैयाँ? का खाएँ ग्वाल: पीपर पर डारी डोर<br>सो जा का खाएँ मोरे बारे भइया<br>: मैं लाऊँ गगरिया बोर<br>सो जा बारे वीर,<br>: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर<br>मदन गोपाल?
छोटी-छोटी घास खाएँ गैयाँ<br>: छोटे-छोटे , दूध पिएँ ग्वाल<br>छोटे से माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल<br>गोपाल।
कहाँ गईं छोटी-छोटी गैयाँ, कहाँ गए ग्वाल<br>कहाँ गए मोरे मदन गोपाल ।<br>हारे गईं गैयाँ, पहाड़ गए छोटे-छोटे ग्वाल<br>खेलन गए छोटे से मोरे मदन गोपाल<br> का खाऎँ गैयाँ ? का खाएँ ग्वाल<br>का खाएँ मोरे मदन गोपाल ?<br>घास खाएँ गैयाँ, दूध पिएँ ग्वाल<br>माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल ।<br> तू तो सो जा बारे वीर,<br>: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर<br/poem>
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