Changes

स्हैर / हुसैनी वोहरा

934 bytes added, 13:41, 17 मई 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हुसैनी वोहरा |संग्रह=मंडाण / नीरज ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हुसैनी वोहरा
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>मकड़ी रा जाळा ज्यूं
उळझ्योड़ी गळियां
जादूगर रा तास-पत्तां ज्यूं
खड़ी मीनारां
आंख्यां देख चूंधीजै
स्हैर मांय
मिनख कीड़ा ज्यूं रेंगै है

एक-दूजै सूं डरै है
छिपै है सांप ज्यूं बिल मांय
अंधारै मांय निकळै
बड़ै अंधारै मांय
मिनख
मिनख सूं डरै है
बातां सूं कतरावै है
ओ स्हैर
भूत लागै है।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits