1,103 bytes added,
17:32, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सखियामे सखिया विचार पूछू आओर सलाह पूछू रे
सखिया हे, कौने कौने व्रत अहाँ ठानल, पुत्र फल पाओल रे
गंगा पइसि नहएलहुँ, हरिवंश सुनलहुँ रे
सखिया हे, सूर्य केँ लगलहुँ गोर, कि पुत्र फल पाओल रे
सखिया हे, कौने कौने फल अहाँ खयलहुँ, कि बालक भेल सुन्दर रे
काजू हम खयलहुँ छोहारा कि आओर मुनक्का हे
सखिया हे, नारियल तोरि हम खयलहुँ, कि बालक भेल सुन्दर हे
</poem>