भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सखियामे सखिया विचार पूछू आओर सलाह पूछू रे / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सखियामे सखिया विचार पूछू आओर सलाह पूछू रे
सखिया हे, कौने कौने व्रत अहाँ ठानल, पुत्र फल पाओल रे
गंगा पइसि नहएलहुँ, हरिवंश सुनलहुँ रे
सखिया हे, सूर्य केँ लगलहुँ गोर, कि पुत्र फल पाओल रे
सखिया हे, कौने कौने फल अहाँ खयलहुँ, कि बालक भेल सुन्दर रे
काजू हम खयलहुँ छोहारा कि आओर मुनक्का हे
सखिया हे, नारियल तोरि हम खयलहुँ, कि बालक भेल सुन्दर हे