732 bytes added,
19:04, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>चारू बरबासँ धनमा कुटाएब हे सखि
कथी केर उखरि कथीक मुसर
आठ चोट गनि कुटब सम्हारि
आइ धनमा कुटायब चारू बरबासँ
बेल के उखरि बबुर के समाठ
आठ चोट गनि कूटल हे
एको चाउर नहि छूटल हे
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader