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चारू बरबासँ धनमा कुटाएब हे सखि / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चारू बरबासँ धनमा कुटाएब हे सखि
कथी केर उखरि कथीक मुसर
आठ चोट गनि कुटब सम्हारि
आइ धनमा कुटायब चारू बरबासँ
बेल के उखरि बबुर के समाठ
आठ चोट गनि कूटल हे
एको चाउर नहि छूटल हे