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19:29, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
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{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>कओने नगर के सिनुरा, सिनूरा बेसाहि एलौं यौ
बाबा कओने नगर जुआ खेलि एलौं, हमरो के हरि एलौं यौ
हाट बजार के सिन्दुरबा, सिन्दुर बेसाहि एलौं गे बेटी
अवधनगर जुआ खेलि एलौं, सीता बेटी हारि गेलौं हे
देसहिं देश हम पत्र देलौं, सब व्यर्थ केलौं हे
बेटी अपने सऽ आयल दुइ बालक, धनुषा के तोड़ि देलनि हे
हमर प्रतिज्ञा कठिन भारी, सेहो आब पूरि गेल हे
बेटी पूरि गेल हमरो मनोरथ, जुगलत जमाइ भेला हे
</poem>