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चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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11:03, 4 अगस्त 2014
सुन 'रक़ीब' ईश्वर सभी का हित करेगा
ध्यान में रखना,
तुम्हें
तुझे
जो माँगना है
</poem>
SATISH SHUKLA
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