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09:21, 21 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार
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|संग्रह=पद-रत्नाकर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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<poem>
(राग माड़)
तन-मन-धन अर्पन कियौ सब तुम पै ब्रजराज।
मन भावै सोई करौ हाथ तुहारे लाज॥
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