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08:17, 26 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार
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|संग्रह=पद-रत्नाकर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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<poem>
(राग देश-तीन ताल)
धन-जन-कविता सुंदरी, चहौं न मैं जगदीस।
बनी रहै प्रति जन्म में भक्ति अहैतुकि, ईस॥
</poem>