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08:33, 19 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
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|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
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<poem>
कोउ सखिया रसिया देअ हो बताय
नेहा लगाय के चला गा
ये कोने बरने ओखे घोड़े छयल के
है कउन बरनि असवारि रसिया
नेहा लगाय के चला गा
हंसा बरनि आंखें घोड़ा छयल के
है पातार असवार रसिया
नेहा लगाय के चला गा
अरे हरे रंग रतनारे चौक का
है सुअना रंगीला कोउ देअ हो बताय
</poem>