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08:37, 19 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
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|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
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<poem>
गलता कै लहंगा रेशम की डोर
पिया सारी लयाव
जौने कै लाल किनारी जौने कै लाल किनारी
पिया सारी मंगाव
पटना शहर कै सारी मंगाय दे
मिरजापुर कै किनारी
पिया सारी मंगाव - जौने कै लाल किनारी
सारी पहिरी कै चलौ मइकवा
तुहूं चला ससुरारी
पिया सारी मंगाव - जौने कै लाल किनारी।
</poem>