भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गलता कै लहंगा रेशम की डोर / बघेली
Kavita Kosh से
बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गलता कै लहंगा रेशम की डोर
पिया सारी लयाव
जौने कै लाल किनारी जौने कै लाल किनारी
पिया सारी मंगाव
पटना शहर कै सारी मंगाय दे
मिरजापुर कै किनारी
पिया सारी मंगाव - जौने कै लाल किनारी
सारी पहिरी कै चलौ मइकवा
तुहूं चला ससुरारी
पिया सारी मंगाव - जौने कै लाल किनारी।