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13:04, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
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<poem>
ससुर घर नीका लागै हो
अरे नीका लागै महराज हो
ससुर घर
नीका लागै हो कि
मोरे मइके के कलश देखायं हो
ससुर घर
जनकपुर नीका लागै हो
अरे नीका लागइ महराज हो
जनकपुर
जनकपुर नीका लागै हो
जहां सीता सहित भगवान हो
जनकपुर
</poem>