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13:44, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
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<poem>
घट छोड़ दे तिलंगवा भरौ गगरी - घट छोडद्य दे
सोनेन गगरी रूपेन गोनरी - घट छोड़ दे तिलंगवां
घट छोड़ दे तिलंगवा भरौ गगरी घट छोड़ दे
ठाढ़े भरौ राजा राम देखत हैं
निहुरि भरौ मोर भीजै चुंनरी - घट छोड़ दे
घट छोड़ दे तिलंगवा भरौ गगरी - घट छोड़ दे
चांड़े रेंगों मोर छलके गगरिया
धीरे रेंगों घर रोवइ बलकवा - घट छोड़ दे
घट छोड़ दे तिलंगवां भरौ गगरी - घट छोड़ दे
</poem>